राष्ट्रीय युवा दिवस:युवा शक्ति और विकास: भाग-1: राष्ट्रीय युवा दिवस को पूरे भारतवर्ष में 12 जनवरी को मनाया जाता है! यह वो ऐतिहासिक दिन है, जिस दिन हमारे देश के गौरव, युवा-शक्ति के प्रेरणास्त्रोत पूजनीय स्वामी विवेकानंद का भारतवर्ष की पवित्र धरती पर जन्म हुआ! स्वामी विवेकानंद (नरेन्द्र), जिन्होंने 11 सितम्बर 1893 को शिकागो में भारत की संस्कृति और ज्ञान से पूरे विश्व को अवगत करवाया था और भारतवर्ष के बारे में विदेशियों के भ्रम को तोडा था, कि भारत की यह धरती सपेरों का देश नहीं है, अपितु वैदिक-पृष्ठ-भूमि से ओत-प्रोत सबसे पुरातन/ समृद्ध संस्कृति व सभ्यता है!
युवा-सशक्तिकरण पर बहुत सी हस्तियों ने हमारे देश में अपना अहम योगदान दिया है, उन सबको मेरा सादर नमन! परन्तु, उनमें से मैं हमारे पूर्व राष्ट्रपति और एक कमाल की शख्सियत श्री अब्दुल कलाम जी को भी विशेष रूप से याद करना चाहूँगा!
युवा शक्ति और विकास: भाग-1
चूंकि राष्ट्रीय युवा दिवस एक पखवाडा-उत्सव के रूप में मनाया जाता है, तो इस परिपेक्ष में मैं भी युवा-सशक्तिकरण से संबधित विषयों पर इस लेख-श्रृंखला के द्वारा आपसे रु-ब-रु होता रहूँगा! आशा करता हूँ मेरी त्रुटियों को क्षमा करते हुए आप इसके मूल्य-संवर्धन में अपने विचार अवश्य देंगे!
अपने इस लेख द्वारा मैं युवा-शक्ति के सतत विकास सम्बन्धी कुछ अहम पहलुओं पर आपसे अपने विचार सांझा करने की आज्ञा चाहता हूँ! (मूल्य-संवर्धन हेतु आप मुझे अपने सुझाव अवश्य भेजें):
युवा शक्ति और विकास: भाग-1
युवा-शक्ति: हिमाचल प्रदेश:
हिमाचल प्रदेश में युवा-वर्ग के आंकड़ों पर अगर नजर डालें तो यह देखने को मिलता है कि पिछले दो दशकों में युवा-वर्ग के लिंग अनुपात दर में काफी सुधार हुआ है! पूरे भारतवर्ष की लिंग अनुपात दर वर्ष 2011 में 939 थी, जबकि हिमाचल में यह 972 थी, 15-34 आयु वर्ग में! हिमाचल प्रदेश में 15-19 आयु वर्ग की लड़कियों की लड़कियों के विवाह-संबंधी आंकड़ों में भी जबरदस्त गिरावट देखी गई है! वर्ष 2015 में हिमाचल प्रदेश की औसत महिला विवाह आयु 23 वर्ष थी!
अगर साक्षरता-दर की बात की जाए, तो हिमाचल प्रदेश में 15-34 आयु वर्ग की साक्षरता दर 94 प्रतिशत से भी ज्यादा है! जबकि 1971 में यह दर 47 प्रतिशत से भी कम थी! आज के समय में हिमाचल प्रदेश की कुल जनसंख्या का लगभग 36 प्रतिशत हिस्सा युवा शक्ति का है!
भारत सरकार ने 2015 में कौशल विकास और हेतु उद्यमिता उद्यमिता हेतु राष्ट्रीय नीति बनाई है! इसी परिपेक्ष में हिमाचल प्रदेश ने वर्ष 2016 में कौशल विकास नीति को आरंभ किया जिसका मुख्य उद्देश्य राज्य में कौशल विकास के प्रयासों को सुधारना व बढ़ाना है! इनमें कौशल विकास, उद्यमिता विकास, समुदाय आधारित पर्यटन आदि मुख्य हैं!
युवा शक्ति और विकास: भाग-1
उपसंहार:
आज के प्रौद्योगिकीय समय की गति को देखते हुए हमें अपने प्रदेश की शैक्षणिक व तकनीकी प्रशिक्षण प्रणाली में जरूरी परिवर्तन करने की आवश्यकता है जिससे हमारे प्रदेश के युवा समय के साथ उन्नति करें!
आज प्रदेश में जैव-प्रौद्योगिकी, नवीन उर्जा, कृषि, बागवानी, मूल्य-संवर्धन और पर्यटन आदि में अपार संभावनाएं निकलकर सामने आई हैं! प्रदेश के विकास के लिए बहुत आवश्यक है कि इस क्षेत्र से उद्यमी युवा-वर्ग का निर्माण हो, जो कि प्रदेश के सामाजिक एवं आर्थिक विकास में अपना योगदान दे सके!
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